बांग्लादेश ने पहला टेस्ट मैच जीतकर आयरलैंड के इतिहास के पहले टेस्ट सीरीज को धूल चटा दिया। सिलहट इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस मैच में बांग्लादेश ने आयरलैंड क्रिकेट को इनिंग्स और 47 रन से शिकस्त दी — ये न सिर्फ एक जीत थी, बल्कि बांग्लादेश के घरेलू क्रिकेट के लिए एक नया मोड़ भी। आयरलैंड के कप्तान पॉल स्टिरलिंग ने पहले दिन 76 गेंदों में 60 रन बनाए, लेकिन ये उनकी बेहतरीन कोशिश भी बांग्लादेश के बल्लेबाजी बैट के सामने असफल रही।
बांग्लादेश का बल्लेबाजी जलवा
जब आयरलैंड ने पहली पारी में 286 रन बनाए, तो कई लोग सोच रहे थे कि ये एक अच्छा स्कोर है। लेकिन बांग्लादेश ने जवाब देते हुए 587 रन बनाए — जिसमें महमूदुल हसन जॉय का 171 रन का शानदार सौ रन का साथ सबको हैरान कर गया। 24 साल के इस ओपनिंग बल्लेबाज ने 286 गेंदों में अपनी शुरुआती टेस्ट पारी में अपनी शक्ति दिखाई। उनके साथ मेहिदी हसन मिराज ने भी अपनी गेंदबाजी से आयरलैंड को घेर लिया — 23 ओवर में 3 विकेट लेकर 50 रन देकर उन्होंने बल्लेबाजी के लिए जमीन तैयार कर दी।
आयरलैंड का संघर्ष: एक बल्लेबाजी असफलता की कहानी
आयरलैंड के लिए ये सीरीज बहुत अलग तरह की थी। उनके लिए ये पहला टेस्ट सीरीज था जिसमें बांग्लादेश के खिलाफ खेला जा रहा था। मैथ्यू हम्फ्रीज ने दूसरी पारी में 5 विकेट लेकर अपनी टीम को थोड़ा रोके रखा — 170 रन के बदले 5 विकेट लेना एक बड़ी उपलब्धि थी। लेकिन जब बांग्लादेश ने फॉलो-ऑन लेने का फैसला किया, तो आयरलैंड की दूसरी पारी 254 रन पर खत्म हो गई। हसन मुराद ने सिर्फ 14 ओवर में 4 विकेट लेकर आयरलैंड को निकाल दिया। ये देखकर लगा जैसे आयरलैंड के बल्लेबाज बांग्लादेश के स्पिनर्स के सामने बेबस थे।
सीरीज का दूसरा टेस्ट: बांग्लादेश की लगातार जीत
दूसरा टेस्ट शेरे बांगला नेशनल स्टेडियम, ढाका में खेला गया। यहां बांग्लादेश ने 476 और 297 रन बनाए, जबकि आयरलैंड ने केवल 265 और 291 रन ही बना पाया। ताइजुल इस्लाम ने इस सीरीज में 8 विकेट लेकर बांग्लादेश के सभी टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाजों में सबसे तेज 250 विकेट पूरे किए। ये एक ऐसा मilestone था जिसे किसी बांग्लादेशी गेंदबाज ने पहले कभी नहीं छुआ था।
टी20आई सीरीज: जारी रहा बांग्लादेश का राज
टेस्ट सीरीज के बाद तीन टी20आई मैचों की शुरुआत चटगांव में हुई। पहला मैच बांग्लादेश ने 39 रन से जीता — जहां तोहिद ह्रिदॉय ने 50 गेंदों में 83 रन बनाकर टीम को जीत के लिए ले आए। आयरलैंड के लिए मैथ्यू हम्फ्रीज ने फिर से अपनी गेंदबाजी से धमाका किया — 4 ओवर में 13 रन देकर 4 विकेट लेकर। लेकिन जब बांग्लादेश के बल्लेबाज ने जवाब दिया, तो आयरलैंड का बल्ला बेकार रह गया।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: क्यों ये सीरीज खास है?
इससे पहले बांग्लादेश और आयरलैंड के बीच कभी टेस्ट मैच नहीं खेला गया था। आयरलैंड ने 2018 में टेस्ट स्टेटस पाया, लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट खेलने का मौका तब तक नहीं मिला जब तक 2025 की ये सीरीज नहीं आई। अब तक बांग्लादेश ने आयरलैंड के खिलाफ 11 ओडीआई में से 11 जीतीं, 8 टी20आई में से 5 जीतीं। ये सीरीज बांग्लादेश के लिए एक अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व का संकेत था — वे न सिर्फ घर पर जीत रहे थे, बल्कि नए टेस्ट टीम्स के सामने अपनी शक्ति दिखा रहे थे।
आगे क्या होगा?
अब आयरलैंड के लिए अगले दो टी20आई मैच बहुत जरूरी हैं — 29 नवंबर को चटगांव में दूसरा और 1 दिसंबर को तीसरा। अगर आयरलैंड ये मैच जीत जाता है, तो ये सीरीज के लिए एक अच्छा अंत हो सकता है। लेकिन बांग्लादेश के लिए ये सीरीज बस शुरुआत है। अगले साल वे ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज खेलेंगे — और इस टीम की आत्मविश्वास अब बहुत बढ़ चुका है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
पॉल स्टिरलिंग का ये प्रदर्शन आयरलैंड के लिए कितना महत्वपूर्ण था?
पॉल स्टिरलिंग का 60 रन का स्कोर आयरलैंड के लिए सबसे बड़ा बल्लेबाजी प्रदर्शन था। उनकी टीम का कुल स्कोर 286 था, जिसमें से उनका योगदान लगभग 21% था। उनके बिना आयरलैंड का स्कोर और भी कम हो सकता था। उनकी बल्लेबाजी ने टीम को एक आधार दिया, लेकिन बाकी बल्लेबाजों का प्रदर्शन बहुत कमजोर रहा।
ताइजुल इस्लाम का 250 विकेट का रिकॉर्ड क्यों इतना खास है?
ताइजुल इस्लाम बांग्लादेश के सभी टेस्ट गेंदबाजों में से सबसे तेजी से 250 विकेट लेने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने केवल 52 टेस्ट मैचों में ये रिकॉर्ड बनाया, जबकि अन्य बांग्लादेशी गेंदबाजों को इसे पूरा करने में 60+ मैच लगे। ये उनकी लगातार प्रदर्शन और स्पिन बॉलिंग की दक्षता का सबूत है।
आयरलैंड ने बांग्लादेश के खिलाफ कभी टेस्ट जीता है?
नहीं, आयरलैंड ने अब तक बांग्लादेश के खिलाफ कोई भी टेस्ट मैच नहीं जीता है। ये 2025 की सीरीज उनका पहला टेस्ट सीरीज था, और वे दोनों मैच हार गए। उनकी ओडीआई और टी20आई में भी बांग्लादेश के खिलाफ जीत का आंकड़ा बहुत कम है।
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने इस सीरीज को क्यों इतना महत्व दिया?
बीसीबी के लिए ये सीरीज न सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि घरेलू क्रिकेट को बढ़ावा देने का एक तरीका था। उन्होंने नए खिलाड़ियों को मौका दिया, नए स्टेडियम में दर्शकों को आमंत्रित किया, और देश के लिए एक अंतरराष्ट्रीय छवि बनाने का प्रयास किया। ये सीरीज उनके 2025-26 घरेलू क्रिकेट कैलेंडर का हिस्सा थी।